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Mere Banke Bihari Lal Lyrics – मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार भजन लिरिक्स

परिचय:

भक्तिगीत ‘मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार’ भगवान श्रीकृष्ण की मनमोहक लीलाओं और उनके अलौकिक रूप का गुणगान करता है। इस भजन के लिरिक्स में भक्त और भगवान के बीच प्रेम और आकर्षण की गहरी भावना निहित है। यह हमें कृष्ण भक्ति की अनोखी अनुभूति कराता है।

मेरे बाँके बिहारी लाल भजन लिरिक्स

मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी, नज़र तोहे लग जाएगी
मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी सूरतिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा पीला पटका
तेरी सूरतिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा पीला पटका
तेरी टेढ़ी-मेढ़ी चाल…
तेरी टेढ़ी-मेढ़ी चाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी मुरलिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा नीला पटका
तेरी मुरलिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा नीला पटका
तेरे घूँघर वाले बाल…
तेरे घूँघर वाले बाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा काला पटका
तेरी कमरिया पे मन मोरा अटका
प्यारा लागे तेरा काला पटका
तेरे गल में वैजंती माल…
तेरे गल में वैजंती माल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी
मेरे बाँके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो शृंगार
नज़र तोहे लग जाएगी प्यारे, नज़र तोहे लग जाएगी

‘मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार’ भजन लिरिक्स का महत्व:

  1. कृष्ण भक्ति की गहरी अनुभूति: इस भजन के लिरिक्स में भक्त और भगवान के बीच प्रेम और आकर्षण की गहरी भावना झलकती है। यह हमें कृष्ण भक्ति की अनोखी अनुभूति कराता है और हमारे मन में भगवान के प्रति भक्ति की भावना भरता है।
  2. आध्यात्मिक आनंद: जब हम इस भजन को गाते या सुनते हैं, तो हमारे मन में एक अद्भुत आध्यात्मिक आनंद का अनुभव होता है। इसके लिरिक्स हमें भगवान के साथ एक अटूट संबंध महसूस कराते हैं।
  3. कलात्मक अभिव्यक्ति: इस भजन के लिरिक्स में भगवान श्रीकृष्ण के मनमोहक रूप और उनकी लीलाओं का बेहद कलात्मक और सुंदर वर्णन किया गया है। यह हमारी भावनाओं को छूने वाला एक कलात्मक अभिव्यक्ति है।
  4. भारतीय संस्कृति और परंपरा की झलक: इस भजन के लिरिक्स में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की गहरी झलक मिलती है। यह हमें अपनी गौरवशाली विरासत से जोड़ता है और हमारे मन में उसके प्रति गौरव की भावना पैदा करता है।

समापन:

‘मेरे बांके बिहारी लाल, तू इतना ना करियो श्रृंगार’ एक अनमोल भक्तिगीत है जिसके लिरिक्स कृष्ण भक्ति की गहरी अनुभूति कराते हैं। यह हमें आध्यात्मिक आनंद और शांति प्रदान करता है और साथ ही भारतीय संस्कृति और परंपराओं से भी जोड़ता है। इस भजन के लिरिक्स में भगवान के प्रति प्रेम और आकर्षण की गहरी भावना निहित है, जो हमारे मन को छू लेती है।

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