भगवत प्रेम की अभिव्यक्ति कभी-कभी मौन होती है, और “Teri Mand Mand Muskaniya Pe Lyrics” इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। यह भजन उस गोपाल की मुस्कान के विषय में है, जो भक्तों के अंतर्मन को आलोकित करती है। “Teri Mand Mand Muskaniya Pe Lyrics” में है वो आध्यात्मिक आकर्षण, जो आपको गोकुल की गलियों में ले जाएगा, जहां एक बाल गोपाल की मुस्कान ने आपके मन-मंदिर को अपना निवास बना लिया था।
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे बलिहार – भजन लिरिक्स
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार प्यारे जू,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे, बलिहार प्यारे जू,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे …
तेरे बाल बड़े घुंगराले, बादल जो कारे कारे॥
तेरी मोर मुकट लटकनिया पे बलिहार प्यारे जू,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे …
तेरी चाल अजब मतवाली लगती है प्यारी प्यारी॥
तेरी पायल की झंकार पे बलिहार प्यारे जू,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे …
तेरे संग में राधा प्यारी लगती है सबसे नियारी॥
इस युगल छवि पे मे जाऊ बलिहार प्यारे जू,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे …
तेरे नयन बड़े मतवारे मटके है कारे कारे॥
तेरी तिरछी सी चितवनिया पे बलिहार प्यारे जू,
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ….
Teri Mand Mand Muskaniya Pe Bhajan Video
“Teri Mand Mand Muskaniya Pe Lyrics” के साथ हमारी यह आध्यात्मिक यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती, बल्कि एक नई शुरुआत करती है। यह भजन हमारे मन में श्रीकृष्ण के प्रति अटूट श्रद्धा और प्रेम जगाता है। अब जब भी हम मुस्कुराते हुए किसी को देखेंगे, तो उसमें अपने कान्हा की झलक पाएंगे। इस तरह, यह भजन हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन जाता है, जो हमें निरंतर भगवान की ओर ले जाता है।
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