जीवन के कोलाहल में शांति का एक क्षण ढूंढ़ना कठिन होता है, लेकिन Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics वह अमृत है जो आत्मा को शीतलता प्रदान करता है। यह आरती श्रीकृष्ण के उस रूप की है, जो सरल है, मधुर है, और अत्यंत आकर्षक है। Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics हमें याद दिलाता है कि भगवान हमेशा हमारे साथ हैं, बस हमें उन्हें अपने हृदय में खोजने की आवश्यकता है।
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की…
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की…
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की…
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की…
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
Anuradha Paudwal Aarti Kunj Bihari Ki Video
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics के साथ हमारी यह यात्रा यहीं समाप्त नहीं होती, बल्कि एक नई शुरुआत करती है। अब हर सुबह इस आरती के साथ होगी, और हर शाम इसी के साथ ढलेगी। यह भजन हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन जाता है, जो हर पल हमें श्रीकृष्ण की याद दिलाता रहेगा।
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