संसार की भीड़ में, हम अक्सर उस परम सत्य को भूल जाते हैं। Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics उस विस्मृति को तोड़ता है। यह भजन हमें बताता है कि नारायण सिर्फ मंदिरों में नहीं, बल्कि जीवन के हर कोने में विराजमान हैं। वे एक सड़क पर सोते हुए बेघर में, या फिर अस्पताल में बीमारों की सेवा करते डॉक्टर में भी हो सकते हैं। Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics हमारी आध्यात्मिक यात्रा को एक नई दिशा देता है।
Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics / पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा लिरिक्स
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा भजन लिरिक्स
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम, सियाराम
राम, सियाराम, सियाराम
नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है
झूठे जग प्रपंच में पड़कर क्यों प्रभु को बिसराया है?
नर शरीर अनमोल रे प्राणी प्रभु कृपा से पाया है
झूठे जग प्रपंच में पड़कर क्यों प्रभु को बिसराया है?
समय हाथ से निकल गया तो
समय हाथ से निकल गया तो श्री धुन-धुन पछताएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
दौलत का अभिमान है झूठा, यह तो आनी-जानी है
राजा-रंक अनेक हुए कितनों की सुनी कहानी है?
दौलत का अभिमान है झूठा, यह तो आनी-जानी है
राजा-रंक अनेक हुए कितनों की सुनी कहानी है?
राम नाम, प्रिय, महामंत्र ही
हो, राम नाम, प्रिय, महामंत्र ही साथ तुम्हारे जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
झूठ, कपट, निंदा को त्यागो, हर प्राणी से प्यार करो
घर पे आए अतिथि कोई तो यथाशक्ति सत्कार करो
हाँ, झूठ, कपट, निंदा को त्यागो, हर प्राणी से प्यार करो
घर पे आए अतिथि कोई तो यथाशक्ति सत्कार करो
पता नहीं किस रूप में आकर
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा
निर्मल मन के दर्पण में वह राम के दर्शन पाएगा
राम के दर्शन पाएगा
Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Video
इस भजन के अंत में, हम महसूस करते हैं कि Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega Lyrics ने हमारे भीतर एक नई चेतना जगा दी है। अब हम प्रकृति में, समाज में, और यहां तक कि अपने भीतर भी उस परम सत्ता के दर्शन करने लगते हैं। यह भजन हमारे लिए केवल गीत नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन बन जाता है।
Also read: Meri Lagi Shyam Sang Preet Lyrics / मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने लिरिक्स